Title:- भारतीय सिनेमा : युवा वर्ग और शिक्षा का अस्तित्व  / Bharatiya Cinema : Yuva Varg aur Shiksha Ka Astitva

Authors:-  डॉ नम्रता जैन / Dr. Namrta Jain

Volume & Issue:- Volume 1, Issue 1

Date:- 07/11/2023

Page No:- 1-6

DOI:- 

Abstract:- आधुनिक काल में मानव जीवन बहुत व्यस्त हो गया है उसकी आवश्यकताएं बहुत बढ़ गई है व्यस्तता के इस युग में मनुष्य के पास मनोरंजन का समय नहीं है लेकिन मनोरंजन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है ऐसे में मनुष्य भोजन के बिना चाहे कुछ समय तक स्वस्थ रह जाए किंतु मनोरंजन के बिना यह स्वस्थ नहीं रह सकता है चित्रपट मनुष्य की इस महती आवश्यकता की पूर्ति करता है यह मानव जीवन की उदासीनता को दूर कर ताजगी और नव जीवन प्रदान करता है दिन भर कार्य में व्यस्त थकी हुई नर नारी शाम को सिनेमा हॉल में बैठ कर आनंदित हो जाते हैं और दिन भर की थकान को भूल जाते हैं चित्रपट पर हम सिनेमा हॉल में दिल्ली से हिमालय तक शिखर समुद्र के अंदर का दृश्य भी देख सकते हैं जिनको देखने की हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं !

Keywords:- सिनेमा , समाज , शिक्षा, प्राकृतिक, जनमानस , इतिहास , साहित्य , साधन , आधुनिक युग , मनोरंजन , कृतियां

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